शिव अमृतवाणी | Shiv Amritwani PDF Hindi

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File size1.8 MB
Date AddedJul 18, 2022
CategoryReligion
LanguageHindi
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Shiv Amritwani Hindi Summary


Shiv Amritvani Lyrics in Hindi This popular Shiv Bhajan is sung by Anuradha Paudwal, the song is traditional, T-Series Most Popular Hindi Bhajan is Shiv Amritvani Presented by Anuradha Paudwal. By reciting Shiva Amritvani, Shiva is pleased and grants him the desired boon. If you too have been surrounded by various kinds of troubles in your life and want to be free from them, then definitely read and listen to Shiva Amritvani and change your life by getting the special grace of Lord Bholenath.

On Monday, the devotees of the innocent should also do the Shiva Aarti after offering prayers. Bholenath’s infinite blessings are on those devotees who chant Shiva Stuti Mantra. Singing Jai Shiv Omkara Aarti gives an experience of unparalleled satisfaction. The glory of Shiva is immeasurable, Shiva’s pastimes have also been described in the Shiva Purana. Apart from this, by chanting Shiva Tandava Stotra, Shiva Shankar becomes very pleased, while singing Shiva Shatnam Stotra brings all the happiness in life.

Shiv Amritwani Lyrics in Hindi:

कल्पतरु पुन्यातामा, प्रेम सुधा शिव नाम

हितकारक संजीवनी, शिव चिंतन अविराम

पतिक पावन जैसे मधुर, शिव रसन के घोलक

भक्ति के हंसा ही चुगे, मोती ये अनमोल

जैसे तनिक सुहागा, सोने को चमकाए

शिव सुमिरन से आत्मा, अध्भुत निखरी जाये

जैसे चन्दन वृक्ष को, दस्ते नहीं है नाग

शिव भक्तो के चोले को, कभी लगे न दाग

ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय!!

दया निधि भूतेश्वर, शिव है चतुर सुजान

कण कण भीतर है, बसे नील कंठ भगवान

चंद्र चूड के त्रिनेत्र, उमा पति विश्वास

शरणागत के ये सदा, काटे सकल क्लेश

शिव द्वारे प्रपंच का, चल नहीं सकता खेल

आग और पानी का, जैसे होता नहीं है मेल

भय भंजन नटराज है, डमरू वाले नाथ

शिव का वंधन जो करे, शिव है उनके साथ

ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय!!

लाखो अश्वमेध हो, सोउ गंगा स्नान

इनसे उत्तम है कही, शिव चरणों का ध्यान

अलख निरंजन नाद से, उपजे आत्मा ज्ञान

भटके को रास्ता मिले, मुश्किल हो आसान

अमर गुणों की खान है, चित शुद्धि शिव जाप

सत्संगती में बैठ कर, करलो पश्चाताप

लिंगेश्वर के मनन से, सिद्ध हो जाते काज

नमः शिवाय रटता जा, शिव रखेंगे लाज

ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय!!

शिव चरणों को छूने से, तन मन पवन होये

शिव के रूप अनूप की, समता करे न कोई

महा बलि महा देव है, महा प्रभु महा काल

असुराणखण्डन भक्त की, पीड़ा हरे तत्काल

शर्वा व्यापी शिव भोला, धर्म रूप सुख काज

अमर अनंता भगवंता, जग के पालन हार

शिव करता संसार के, शिव सृष्टि के मूल

रोम रोम शिव रमने दो, शिव न जईओ भूल

ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय!!

Part – 2 & 3

शिव अमृत की पावन धारा, धो देती हर कष्ट हमारा

शिव का काज सदा सुखदायी, शिव के बिन है कौन सहायी

शिव की निसदिन की जो भक्ति, देंगे शिव हर भय से मुक्ति

माथे धरो शिव नाम की धुली, टूट जायेगी यम कि सूली

शिव का साधक दुःख ना माने, शिव को हरपल सम्मुख जाने

सौंप दी जिसने शिव को डोर, लूटे ना उसको पांचो चोर

शिव सागर में जो जन डूबे, संकट से वो हंस के जूझे

शिव है जिनके संगी साथी, उन्हें ना विपदा कभी सताती

शिव भक्तन का पकडे हाथ, शिव संतन के सदा ही साथ

शिव ने है बृह्माण्ड रचाया, तीनो लोक है शिव कि माया

जिन पे शिव की करुणा होती, वो कंकड़ बन जाते मोती

शिव संग तान प्रेम की जोड़ो, शिव के चरण कभी ना छोडो

शिव में मनवा मन को रंग ले, शिव मस्तक की रेखा बदले

शिव हर जन की नस-नस जाने, बुरा भला वो सब पहचाने

अजर अमर है शिव अविनाशी, शिव पूजन से कटे चौरासी

यहाँ वहाँ शिव सर्व व्यापक, शिव की दया के बनिये याचक

शिव को दीजो सच्ची निष्ठां, होने न देना शिव को रुष्टा

शिव है श्रद्धा के ही भूखे, भोग लगे चाहे रूखे-सूखे

भावना शिव को बस में करती, प्रीत से ही तो प्रीत है बढ़ती।

शिव कहते है मन से जागो, प्रेम करो अभिमान त्यागो।

|| दोहा ||

दुनिया का मोह त्याग के शिव में रहिये लीन।

सुख-दुःख हानि-लाभ तो शिव के ही है अधीन।।

सॉंग लिरिक्स इन हिंदी

भस्म रमैया पार्वती वल्ल्भ, शिव फलदायक शिव है दुर्लभ

महा कौतुकी है शिव शंकर, त्रिशूल धारी शिव अभयंकर

शिव की रचना धरती अम्बर, देवो के स्वामी शिव है दिगंबर

काल दहन शिव रूण्डन पोषित, होने न देते धर्म को दूषित

दुर्गापति शिव गिरिजानाथ, देते है सुखों की प्रभात

सृष्टिकर्ता त्रिपुरधारी, शिव की महिमा कही ना जाती

दिव्या तेज के रवि है शंकर, पूजे हम सब तभी है शंकर

शिव सम और कोई और न दानी, शिव की भक्ति है कल्याणी

कहते मुनिवर गुणी स्थानी, शिव की बातें शिव ही जाने

भक्तों का है शिव प्रिय हलाहल, नेकी का रस बाटँते हर पल

सबके मनोरथ सिद्ध कर देते, सबकी चिंता शिव हर लेते

बम भोला अवधूत सवरूपा, शिव दर्शन है अति अनुपा

अनुकम्पा का शिव है झरना, हरने वाले सबकी तृष्णा

भूतो के अधिपति है शंकर, निर्मल मन शुभ मति है शंकर

काम के शत्रु विष के नाशक, शिव महायोगी भय विनाशक

रूद्र रूप शिव महा तेजस्वी, शिव के जैसा कौन तपस्वी

हिमगिरी पर्वत शिव का डेरा, शिव सम्मुख न टिके अंधेरा

लाखों सूरज की शिव ज्योति, शस्त्रों में शिव उपमान होशी

शिव है जग के सृजन हारे, बंधु सखा शिव इष्ट हमारे

गौ ब्राह्मण के वे हितकारी, कोई न शिव सा पर उपकारी

|| दोहा ||

शिव करुणा के स्रोत है शिव से करियो प्रीत।

शिव ही परम पुनीत है शिव साचे मन मीत।।

शिव सर्पो के भूषणधारी, पाप के भक्षण शिव त्रिपुरारी

जटाजूट शिव चंद्रशेखर, विश्व के रक्षक कला कलेश्वर

शिव की वंदना करने वाला, धन वैभव पा जाये निराला

कष्ट निवारक शिव की पूजा, शिव सा दयालु और ना दूजा

पंचमुखी जब रूप दिखावे, दानव दल में भय छा जावे

डम-डम डमरू जब भी बोले, चोर निशाचर का मन डोले

घोट घाट जब भंग चढ़ावे, क्या है लीला समझ ना आवे

शिव है योगी शिव सन्यासी, शिव ही है कैलास के वासी

शिव का दास सदा निर्भीक, शिव के धाम बड़े रमणीक

शिव भृकुटि से भैरव जन्मे, शिव की मूरत राखो मन में

शिव का अर्चन मंगलकारी, मुक्ति साधन भव भयहारी

भक्त वत्सल दीन द्याला, ज्ञान सुधा है शिव कृपाला

शिव नाम की नौका है न्यारी, जिसने सबकी चिंता टारी

जीवन सिंधु सहज जो तरना, शिव का हरपल नाम सुमिरना

तारकासुर को मारने वाले, शिव है भक्तो के रखवाले

शिव की लीला के गुण गाना, शिव को भूल के ना बिसराना

अन्धकासुर से देव बचाये, शिव ने अद्भुत खेल दिखाये

शिव चरणो से लिपटे रहिये, मुख से शिव शिव जय शिव कहिये

भस्मासुर को वर दे डाला, शिव है कैसा भोला भाला

शिव तीर्थो का दर्शन कीजो, मन चाहे वर शिव से लीजो

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