Shri Sita Chalisa in Hindi PDF

Download Shri Sita Chalisa in Hindi PDF

Shri Sita Mata ji has a lot of importance in Hindu religion. Shri Sita Mata ji is worshiped with utmost importance in India. Shri Sita ji’s life was full of struggles and she never gave up in her life. If you also want to get freedom from the troubles and struggles arising in your life and want to get the grace of Goddess Shri Sita Mata, then definitely recite Shri Sita Chalisa. This is a very melodious chalisa whose singing pleases not only Goddess Sita Mata ji but Shri Ram ji also blesses her.

॥ चौपाई ॥

राम प्रिया रघुपति रघुराई

बैदेही की कीरत गाई ॥

चरण कमल बन्दों सिर नाई,

सिय सुरसरि सब पाप नसाई ॥

जनक दुलारी राघव प्यारी,

भरत लखन शत्रुहन वारी ॥

दिव्या धरा सों उपजी सीता,

मिथिलेश्वर भयो नेह अतीता ॥

सिया रूप भायो मनवा अति,

रच्यो स्वयंवर जनक महीपति ॥

भारी शिव धनु खींचै जोई,

सिय जयमाल साजिहैं सोई ॥

भूपति नरपति रावण संगा,

नाहिं करि सके शिव धनु भंगा ॥

जनक निराश भए लखि कारन ,

जनम्यो नाहिं अवनिमोहि तारन ॥

यह सुन विश्वामित्र मुस्काए,

राम लखन मुनि सीस नवाए ॥

आज्ञा पाई उठे रघुराई,

इष्ट देव गुरु हियहिं मनाई ॥

जनक सुता गौरी सिर नावा,

राम रूप उनके हिय भावा ॥

मारत पलक राम कर धनु लै,

खंड खंड करि पटकिन भू पै ॥

जय जयकार हुई अति भारी,

आनन्दित भए सबैं नर नारी ॥

सिय चली जयमाल सम्हाले,

मुदित होय ग्रीवा में डाले ॥

मंगल बाज बजे चहुँ ओरा,

परे राम संग सिया के फेरा ॥

लौटी बारात अवधपुर आई,

तीनों मातु करैं नोराई ॥

कैकेई कनक भवन सिय दीन्हा,

मातु सुमित्रा गोदहि लीन्हा ॥

कौशल्या सूत भेंट दियो सिय,

हरख अपार हुए सीता हिय ॥

सब विधि बांटी बधाई,

राजतिलक कई युक्ति सुनाई ॥

मंद मती मंथरा अडाइन,

राम न भरत राजपद पाइन ॥

कैकेई कोप भवन मा गइली,

वचन पति सों अपनेई गहिली ॥

चौदह बरस कोप बनवासा,

भरत राजपद देहि दिलासा ॥

आज्ञा मानि चले रघुराई,

संग जानकी लक्षमन भाई ॥

सिय श्री राम पथ पथ भटकैं ,

मृग मारीचि देखि मन अटकै ॥

राम गए माया मृग मारन,

रावण साधु बन्यो सिय कारन ॥

भिक्षा कै मिस लै सिय भाग्यो,

लंका जाई डरावन लाग्यो ॥

राम वियोग सों सिय अकुलानी,

रावण सों कही कर्कश बानी ॥

हनुमान प्रभु लाए अंगूठी,

सिय चूड़ामणि दिहिन अनूठी ॥

अष्ठसिद्धि नवनिधि वर पावा,

महावीर सिय शीश नवावा ॥

सेतु बाँधी प्रभु लंका जीती,

भक्त विभीषण सों करि प्रीती ॥

चढ़ि विमान सिय रघुपति आए,

भरत भ्रात प्रभु चरण सुहाए ॥

अवध नरेश पाई राघव से,

सिय महारानी देखि हिय हुलसे ॥

रजक बोल सुनी सिय बन भेजी,

लखनलाल प्रभु बात सहेजी ॥

बाल्मीक मुनि आश्रय दीन्यो,

लवकुश जन्म वहाँ पै लीन्हो ॥

विविध भाँती गुण शिक्षा दीन्हीं,

दोनुह रामचरित रट लीन्ही ॥

लरिकल कै सुनि सुमधुर बानी,

रामसिया सुत दुई पहिचानी ॥

भूलमानि सिय वापस लाए,

राम जानकी सबहि सुहाए ॥

सती प्रमाणिकता केहि कारन,

बसुंधरा सिय के हिय धारन ॥

अवनि सुता अवनी मां सोई,

राम जानकी यही विधि खोई ॥

पतिव्रता मर्यादित माता,

सीता सती नवावों माथा ॥

॥ दोहा ॥

जनकसुत अवनिधिया राम प्रिया लवमात,

चरणकमल जेहि उन बसै सीता सुमिरै प्रात ॥

Shri Sita Mata Aarti Lyrics in Hind

आरती श्री जनक दुलारी की ।

सीता जी रघुवर प्यारी की ॥

जगत जननी जग की विस्तारिणी,

नित्य सत्य साकेत विहारिणी,

परम दयामयी दिनोधारिणी,

सीता मैया भक्तन हितकारी की ॥

आरती श्री जनक दुलारी की ।

सीता जी रघुवर प्यारी की ॥

सती श्रोमणि पति हित कारिणी,

पति सेवा वित्त वन वन चारिणी,

पति हित पति वियोग स्वीकारिणी,

त्याग धर्म मूर्ति धरी की ॥

आरती श्री जनक दुलारी की ।

सीता जी रघुवर प्यारी की ॥

विमल कीर्ति सब लोकन छाई,

नाम लेत पवन मति आई,

सुमीरात काटत कष्ट दुख दाई,

शरणागत जन भय हरी की ॥

आरती श्री जनक दुलारी की ।

सीता जी रघुवर प्यारी की ॥

Shri Sita Chalisa in Hindi PDF Download Link

[download id=”117682″ template=”dlm-buttons-button”]

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Discover more from Govtempdiary

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading